एक जंगल के पास एक गांव था | वह एक शरारति बंदर अपने दोस्तों के साथ रहता था | वे सभी बंदर बहुत ख़ुशी से उस जंगल में रहते थे | और जंगलो के बड़े पेड़ो पर उछल कूद करते थे | उस जंगल में एक आदमी उन पेड़ो की रखवाली करता था | बंदर उन पेड़ो से फल खाते थे और उस आदमी से बचकर रहते | जब वह आदमी पेड़ो के निचे सोता था उस वक्त एक शरारति बंदर उसे बहुत तंग करता था | उसपर पेड़ो की पत्तिया फेकता था और उसे जगाने की कोशिश करता था | बंदरो की इन हरकतों से वो आदमी परेशान था और उन्हें वहा से भगा देता था | मगर वह बंदर हमेशा बचकर ही रहते थे | एक बार उस शरारति बंदर ने सोचा हमेशा इन पेड़ो पर ही क्यों रहा जाय हम पास के गांव में क्यो नहीं जाते जैसे ही उसके दिमाग में ये ख़याल आया वह बंदर उस गांव में चला गया |
उसने उस गांव में जाकर देखा की सुबह के समय गांव के लोग घर से बाहर काम के लिए निकल जाते है | तो उसने उन खाली घरो में प्रवेश किया और जो भी खाना मिले उसे खाने लगता था | उसने उन घरो में बहुत हल्ला मचाया उसने मन ही मन में कहा “ये घर तो बलकुल खाली है और मुझपर नजर रखनेवाला भी कोही नहीं है, यह घर तो उस जंगल से कई गुना ज्यादा बेहतर है, मुझे अपने दोस्तों को जाकर ये बताना चाहिए” | बंदर वहा से निकलकर जल्दी से अपने दोस्तों के पास गया और उनसे कहने लगा “अरे दोस्तों तुम इन पेड़ो पर कबतक रहोगे, पास ही में एक गांव है, जहा सुबह के समय घर ख़ाली रहते है, सभी गांव के लोग सुबह से शाम तक काम पर जाते है, जबतक वो वापस नहीं आते हम उन घरो में बहुत मजे कर सकते है, और जो चाहिए वो खा सकते है” | एक बंदर ने कहा “अरे वा क्या हम वो सब कर सकते है जो हमें करना है, हम कुछ भी खा सकते है क्या”, तब उस बंदर ने कहा “हा हा तुम चलो तो सही फिर देखना” |
जैसे ही उस शरारती बंदर ने सभी दोस्तों को ये बताया सभी उसके पीछे-पीछे उस गांव में चले गए | उसी समय सभी गांव के लोग काम पर निकल रहे थे | सारे बंदर उस गांव में अकेले थे | और उनपे नजर रखने वाला कोही नहीं था | उसने बाकि बंदरोसे कहा “चलो दोस्तों घर के अंदर चलते है | उस शरारती बंदर के कहने पर सारे बंदरो ने घर में प्रवेश किया उन्हें जो मन चहा उनोन्हे वो खाया और घर में बहुत हल्ला मचाया | फिर थोड़ी देर बाद गांव के लोगो का घर लौटने का समय हो गया | घर की हालत देखकर वह दंग रह गए और बहुत परेशांन होने लगे की ऐसा सब किसने किया है | उन्हें तो पता ही नहीं था की ये सब किसने किया और रोज की तरह वो काम पर निकल गए | रोज की तरह बंदर लोगो के जाने के बाद उनके घर में चले जाते थे | जो उनका मन करता वो खाते और घर का सामान इधर-उधर फेकते | उन्होंने घर में बहुत उछल कूद की |
फिर एक दिन सुमित नाम के एक लडके ने इन बंदर को घर में घुसते हुए देखा | बंदर बहुत सारे थे इसकी वजह से वह डर के मारे वह एक जगह पर छुप गया | जैसे ही बंदर घर के बाहर निकले सुमित बाहर आया और गांव के लोगो को आते देखा | वह सब चर्चा कर रहे थे की उनके घर की ऐसी हालत किसने की | सुमित ने उनकी बाते सुनी और कहा “सभी लोग सुनो मुझे पता है की आपके घर की ऐसी हालत किसने की है” | एक आदमीं ने कहा “बताओ सुमित तुमने देखा क्या उन्हें”, सुमित ने कहा “हा मैंने बंदरोंके एक झुंड को देखा जो आपके जाने के बाद घरो में घुस जाते है, और हल्ला मचाते है”,”मैं अकेला था इसलिए मैं डर कर छुप गया” | तब दूसरे एक आदमीं ने कहा “सुमित क्या ये सच है”, तब सुमित ने कहा अगर आप चाहे तो में आपको दिखा सकता हु मुझे पता है की वो किस समय पर आते है”, कल सुबह आप सब मेरे पास आइए, में आपको दिखता हु बंदरो का वो झुंड” | अगले दिन कुछ गांव के लोग सुमित के पास गए फिर उसे चलने को कहा | तब सुमित ने कहा “अरे ऐसे नहीं हमें उन बंदरोसे छुपना होगा |
फिर सारे गांव के लोग पेड़ो के पीछे छुप गए | तभी बंदरो का झुंड हल्ला करते हुवे गांव में घुसा | सुमित ने गांव के लोगो को बंदर के झुंड दिखाया और कहा “ओ देखो बंदरोका झुंड” | तब गावे के एक आदमी ने कहा हां सुमित तुम सही कह रहे हो | सुमित के साथ सभी गावे के लोग खड़े रहे और उन बंदरोको गांव में आते देखा | उनकी नजर एक बंदर पर गयी जो सारे बंदरोको अपने साथ लेकर आ रहा था | उनने देखा की बंदर घर में घुस रहे है और मजे से फल खा रहे है बाकि बंदर घर में चीजे इधर उधर फेक रहे है | सभी गांव के लोगो ने सोचा बंदरोको तो रोकना पड़ेगा तभी रामु नाम के एक आदमी ने कहा “सभी लोग सुनो मेरे पास एक उपाय है अगर हम ऐसा करेंगे तो बंदर के सरदार को हम पकड़ सकते है अगर वो हमारे हात आ गया तो सारे बंदर कभी वापस नहीं आएंगे”
गाव के लोगो ने रामु से उपाय पूछा और उसने कहा “मुझे पतली गर्दन वाले फलो से भरे दो घड़े चाहिए” | गांव के लोगो ने रामु की बात सुनी और उसे दो फलो से भरे दो पतले मुँह वाले दो घड़े दिए | रामु ने उन घडो को लिया और कहा “हमे इन्हे ऐसी जगह रखना है की बंदर इन्हे देख सके” | उनोन्हे उन घडो को रख दिया और दूर चले गए | अगले दिन वे सभी रामु के साथ आये और दूर से उन बंदरोको देखने लगे | रोज के तरह बंदरोने खुप शोर मचाया | बंदरोके उस सरदार ने वो दो घड़े देखे | वह उन घडो के पास गया और देखा की उनमे फल भरे हुए है | उसने अपना हात घड़े में डाला और फलो से भर लिया और उसका हात घड़े में फस गया |
उसने अपना हात निकलने की बहुत कोशिष की मगर वो नाकाम रहा | बाकि बंदरोने गांव के लोगो को उनकी तरफ आते देखा और सब भागने लगे | तभी सारे बंदर उस शरारती बंदर के पास आये और उसे भागने के लिए कहा | लेकिन उसका हात फसा होने के कारन वो अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रहा था | तभी सारे लोगो ने उस बंदर के सरदार को घेर लिया | बाकि के बंदर डर गए और वहा से भाग गए | वह बंदर सोच में पड़ गया और मन ही मन कहने लगा “में तो कितना लालची था इन फलो के चक्कर में फस गया | रामु के इस उपाय को गांव के लोगो ने शुक्रिया कहा क्योकि रामु के उपाय की वजह से वे बंदर अब गांव में कभी नहीं आएंगे |